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कोरोना वायरस क्या है?

कोरोनावायरस यह वायरस का एक ऐसा बड़ा परिवार है, जो इन्सानों में आम तौर पर पाया जाता है और ऊँट, मवेशी, बिल्लियाँ और चमगादड़ जैसे विभिन्न प्राणियों में उसका प्रसार होता है। ये कोरोनावायरसेस् प्राणियों से इन्सानों में और इन्सान से इन्सान में संक्रमित होता है, जिससे कि ज़ुकाम से लेकर तीव्र न्युमोनिया तक की, श्वसनमार्ग से संबंधित बिमारियाँ होती हैं। फिलहाल दुनियाभर में फैल रहा नोव्हेल कोरोनावायरस का संक्रमण चीन के हुबेई प्रान्त के जिस वुहान इलाक़े से शुरू हुआ, वहाँ एक बहुत बड़ा सीफूड़ का तथा जीवित प्राणियों का मार्केट है, जहाँ से उसका प्राणियों से मनुष्यों में और फिर उन मनुष्यों से अन्य मनुष्यों में संक्रमण हुआ होने की संभावना है।

२०१९ के इस नोवेल कोरोनावायरस को ‘सिविअर ऍक्युट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस-(सार्स-कोवि-) यह नाम दिया गया है। इस वायरस से जुड़ी बीमारी को कोविड-१९(कोरोनावायरस डिसीज़् २०१९) यह नाम दिया गया है। इससे पहले आयीं सार्स् तथा मर्स् ये बीमारियाँ भी कोरोनावायरस परिवार के वायरसों द्वारा ही शुरू हुई थीं।

११ मार्च २०२० कोविश्व स्वास्थ्य संगठन(वर्ल्ड् हेल्थ ऑर्गनायझेशन) ने, १०० से भी अधिक देशों में (दरअसल १२५ देशों में) फ़ैली कोविड-१९ कोजागतिक महामारी(पँडेमिक) घोषित किया है।

कोरोनावायरस बीमारी का संक्रमण कैसे होता है?

इन्सान से इन्सान (ठेंठ संपर्क) - यह नोवेल कोरोनावायरस प्राय: एक इन्सान से दूसरे इन्सान में फ़ैल रहा है। संक्रमित मनुष्य जब खाँसता या छींकता है, तब उसकी नाक-मुँह से उड़नेवालीं छींटे यदि उस मनुष्य के नज़दीक (१ मीटर दूरी के अंदर) होनेवाले मनुष्य की नाक या मुँह पर उडती हैं और साँस द्वारा उसके शरीर में प्रविष्ट हो जाती हैं, तो वह दूसर मनुष्य भी संक्रमित हो जाता है।

बाधित वस्तु को स्पर्श करने से - संक्रमित मनुष्य की खाँसी-छींक से उड़ीं छींटें पास होनेवाले डोअरनॉब्ज़्, सीढ़ी की रेलिंग्ज़्, टेबल्स् की सतह जैसीं वस्तुओं पर गिर सकती हैं। यह वायरस इन वस्तुओं पर घंटों तक टिक सकता है और जब किसी व्यक्ति का स्पर्श इन वस्तुओं को हो जाता है, और उसके बाद यदि वह अपने हाथ से आँखें, नाक या मुँह को स्पर्श करता है, तो इस दूसरे व्यक्ति में भी यह वायरस संक्रमित हो जाता है।

वायरस संक्रमित होने के बाद उसके दृश्य लक्षण दिखायी देने में से १४ दिन का समय भी लग सकता है। वायरस संक्रमित होने के बाद, दृश्य लक्षण दिखायी देने पर भी, ऐसा बाधित व्यक्ति उसके संपर्क में आये हुए दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है, इस बात को वर्तमान समय नकारा नहीं जा सकता।

कोविड-१९ (कोरोनावायरस) के संक्रमण का ख़तरा अधिकतर किसे है?
  • जहाँ पर यह बीमारी फ़ैल रही है, ऐसे इलाक़ों में रहनेवाले या उस इलाक़ों की भेंट करनेवाले व्यक्तियों के लिए इस कोरोनावायरस के संक्रमण का ख़तरा अधिक है।
  • बहुत अधिक भीड़ होनेवाले स्थान, जैसे कि सार्वजनिक सभा-सम्मेलन, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स्, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, स्टेडिअम्स् आदि, इनमें जानेवाले लोगों के लिए कोरोनावायरस से संक्रमित होने का ख़तरा अधिक है।
  • वैद्यकीय व्यवसाय के लोग, वैसे ही लोगों के संपर्क में होनेवाले व्यवसायिक जैसे कि बस कंडक्टर, कॅब ड्रायवर, अध्यापक और छात्र आदि लोगों के लिए संक्रमण का ख़तरा अधिक है।
  • ८०% मामलों में, ख़ासकर वयस्क (>१० साल) बच्चों एवं वयस्कों (<६० साल) में कोविड-१९ (कोरोनावायरस) संक्रमण से होनेवाली बीमारियाँ उतनी तीव्र नहीं होतीं।
  • १७% मामलों में यह संक्रमण गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। संक्रमित हुए छ: में से १ व्यक्ति को अस्पताल में रखना ज़रूरी होता है।
  • ख़ासकर निम्न प्रकार के व्यक्तियों के लिए इस संक्रमण से गंभीर बीमारी होने का ख़तरा अधिक है -
    • बूढ़े लोग
    • जिन्हें पहले से ही उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय एवं फ़ेफ़ड़ों की बीमारियाँ, किड़नी का नाक़ाम होना, अस्थमा आदि बीमारियाँ हओं।
    • गर्भवती महिलाएँ
    • एकदम छोटे बच्चें
    • कॅन्सर पर (केमोथेरपी/रेडिओथेरपी जैसे) उपचार लेनेवाले लोग।
कोरोनावायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं?
  • संक्रमित हुए कुछ लोगों के साथ ऐसा हो सकता है कि उनके मामले में कोई दृश्य लक्षण ना दिखायी दें या वे अस्वस्थ महसूस करें।
  • कोरोनावायरस बीमारी (कोविड-१९) से बाधित लगभग ६ में से केवल १ व्यक्ति (यानी केवल १७%) को ही निम्नलिखित गंभीर बीमारी होने का ख़तरा है -

इस प्रकार की गंभीर बीमारियाँ केवल १६-१७% मामलों में ही हो सकती हैं. ख़ासकर बूढ़े लोगों में, उच्चरक्तचाप, मधुमेह, हृदय/फ़ेफ़ड़ों की बीमारी होनेवाले, किड़नी नाक़ाम होनेवाले अथवा तीव्र अस्थमा होनेवाले लोगों में हो सकती हैं।

बीमार पड़ने पर क्या कर सकते हैं? कोविड-१९ (कोरोनावायरस बीमारी) पर कोई उपचार उपलब्ध हैं? 
  • हालाँकि वर्तमान समय में कोरोनावायरस संक्रमण को ठीक करने के लिए कोई टीक़ा (वैक्सीन) या विषाणुप्रतिरोधक दवाई उपलब्ध नहीं है और उपलब्ध प्रतिजैविक कुछ ख़ास काम के नहीं हैं, घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है।
  • अगर आपको अस्वस्थ महसूस हो रहा है और यह बीमारी होने की आशंका है (बुखार, गले में ख़राश आदि), पहली बात - घबराना मत! तुरंत भारत सरकार की जो  आधिकारिक वेबसाइट है (https://images.mohfw.gov.in/) उस पर दिए गए निर्देशों का पालन कीजिए (https://images.mohfw.gov.in/FINAL_14_03_2020_Hindi.pdf) इसके अतिरिक्त २४ x हेल्पलाइन नंबर (+९१-११-२३९७८०४६) पर संपर्क करें। 
    • यद्यपि आपके हाथ स्वच्छ दिखायी दे रहे हों, फिर भी बार बार अपने हाथ धोएँ।
    • साबुन और पानी से बार बार अपने हाथ कम से कम २० सेकंदों तक अच्छी तरह से धोएँ। हाथ का अगला और पिछला भाग तथा ऊँगलियों के बीच का भाग भी अच्छी तरह से धोएँ। ख़ासकर छींकने, खाँसने या बहती नाक पोछने के बाद, भीड़ भरे स्थान में जाकर आने के बाद या किसी से हाथ मिलाने (शेकहँड) के बाद अच्छी तरह से हाथ धोना आवश्यक है। (इसमें वायरस को मारने में अल्कोहोल-बेस्ड् सॅनिटाईज़र की तुलना में साबुन ज़्यादा असरदार है, क्योंकि वह वायरस का कवच आसानी से तोड़ सकता है।)
    • सार्वजनिक स्थानों में निम्नलिखित चीज़ों को स्पर्श करने के बाद हाथ अच्छी तरह से धोएँ
      • उद्वाहन (लिफ़्ट-एलिवेटर) बटन्स्
      • दरवाज़े के दस्ते (डोअरनॉब्ज़्)
      • सीढ़ी की रेलिंग्ज़्
      • टेबल्स् की सतह, आदि।
    • यदि साबुन और पानी उपलब्ध ना हों, तो हाथ धोने के लिए अल्कोहोल-बेस्ड़् सॅनिटायजर्स् (६०% अल्कोहोल) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
    • खाँसते या छींकते समय अपना मुँह और नाक मुड़ी हुई कोहनी से या रूमाल/टिश्यू से ढँकें। उसके बाद टिश्यू को तुरंत बंद कचरे के डिब्बे में फेंक दें।
    • अगर आपको बुखार, ख़ाँसी या गले में खराश है और आप संक्रमण का अत्यधिक जोख़म होनेवाली भीड़ की जगह पर हैं, तो मास्क पहनें।
    • जिनकी सतह को बार बार स्पर्श किया जाता है, ऐसे टेबल, दरवाज़े की दस्ते, ताले, पंखे-दीये के बटन्स्, मोबाईल फोन आदि घर की चीज़ों के साथ साथ पूरे घर को ही कम से कम ७०% अल्कोहोल बेस्ड डिसइंफेक्टंट्स का इस्तेमाल करके निर्जंतुक रखिए।
    • सार्वजनिक जगहों पर ना थूँकें।
    • ज़रूरत ना होनेपर अपनी आँखों को, मुँह को या नाक को हाथ ना लगाएँ।
    • भीड़ होनेवाले और जहाँ शुद्ध हवा का वेंटिलेशन अच्छा नहीं है, ऐसे स्थानों में प्राय: ना जाएँ; क्योंकि ऐसी जगहों पर यदि संक्रमित व्यक्ति उपस्थित हैं, तो संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है।
    • खाँस रहे या छींक रहे व्यक्ति से कम से कम मीटर की दूरी रखें, उसके पास ना जायें।
    • यदि आप संक्रमण होने का ख़तरा होनेवाले इलाक़े में निवास करते हैं, तो जहाँ तक हो सके घर में ही रहें। अत्यावश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें।
    • संक्रमण होने का ख़तरा होनेवाले स्थानों (शहर/देश) पर जाना यदि अत्यावश्यक हो, तो ही जायें।कोविड-१९ से अपन बचाव कैसे करें? (कोरोनावायरस संक्रमण प्रतिबंधक उपाय)लाज से हमेशा प्रतिबंध बेहतर है! फिलहाल इस कोरोना वायरस के लिए कोई दवाई-उपचार या टीक़ा उपलब्ध ना होने के कारण, अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए रोग-प्रतिबंध ही सबसे अच्छा विकल्प है। अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए निम्न सावधानी बरतें - महत्त्वपूर्ण सूचना:
हँड सॅनिटायझर्स की अपेक्षा साबुन और पानी / लिक्विड सोप से हाथ धोना, यह कोरोना वायरस संक्रमण प्रतिबन्धात्मक असरदार उपाय है: आधुनिक संशोधन के अनुसार साबुन के रेणु (मॉलिक्युल्स) फॅट्स तथा प्रोटिन से बने, कोरोना वायरस के कवच में स्वयं प्रवेश करते हैं। वायरस का गठन करनेवाला रासायनिक बन्ध (केमिकल बॉण्ड) यह विशेष मज़बूत न होने के कारण साबुन के मॉलिक्युल्स के लिए वायरस का कवच फोड़ना मुश्किल नहीं होता। साबुन का मॉलिक्युल वायरस को अलग खींचता है, विघटित करता है और पानी में पिघलानेवाला बनाता है, जो फिर साबुन के पानी के बहाया जाता है। साबुन के साथ इस्तेमाल किया जानेवाला पानी, त्वचा के रंध्रों में जमा हुई गंद को बाहर निकालता है और वहाँ छिपे हुए वायरसों का सफ़ाया साबुन करता है। वायरसों का सफ़ाया करने के लिए सॅनिटायझर्स में अल्कोहोल की मात्रा ६०% से अधिक होनी चाहिए, जो हाथ धोने के लिए इस्तेमाल किये जानेवाले कई सॅनिटायझर्स में होगी ही, ऐसा नहीं है। अधिक मात्रा में अल्कोहोल होनेवाले सॅनिटायझर्स संवेदनशील त्वचा का नुकसान कर सकते हैं। सॅनिटायझर्स के साथ पानी का इस्तेमाल ना किया जाने के कारण, त्वचा के रंध्रों में जमा मैल के बीच छीपे वायरसों को हटाने के लिए सॅनिटायझर्स उतने असरदार नहीं होते।

COVID-19 की अब तक की (१२ मार्च २०२० की) स्थिति का संख्यात्मक विवरण -

दुनियाभर में नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित हुए व्यक्ति - १,२९,१६७

वायरस संक्रमण बाधित देश - १२५

बीमारी से ठीक हुए लोग - ६८,६५६

अ‍ॅक्टिव्ह केसेस् की संख्या - ५५,७६२

मृतकों की संख्या - ४७४९

भारत के केसेस् की संख्या - ७३

कोरोना वायरस का संक्रमण आज पूरी दुनिया में तेज़ी से फैल रहा है। इटली, चीन जैसे देशों को लॉक डाऊन परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है और कई युरोपीय देश भी इसी मार्ग से जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने COVID-19 को ‘जागतिक महामारी’ घोषित किया है।

दुनियाभर में घबराहट मची है। लेकिन डरकर समस्या का हल मिलनेवाला नहीं है। हमें अपने आप को इन हालातों का मुक़ाबला करने के लिए सक्षम बनाना होगा। यदि हम सावधानी बरतें और प्रतिबन्धात्मक उपायों पर अचूकतापूर्वक अमल करें, तो हम अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं। आइए तो फिर, COVID-19 का मुक़ाबला करने सिद्ध हो जाते हैं।

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